अपना कौन है किसे दिल अपना कहता है
वो जो दिन रात दिल को दर्द देता है
या वो जो दिल को बेकरारी और आँखों को आंसू देता है
ये दिल आखिर क्या है क्यूँ बनाया इसको
क्या दर्द सहने को जिगर में सजाया इसको
ये कमबख्त तो आंसुओं को भी प्यार का इनाम कहता है
जो सताता है इसे उसी बेरहम को प्यार करता है
ये दिल इन्सान की कमजोरी का निशान होता है
जो धड़कता तो है सीने में मगर आँखों में इसकी बेबसी का पैगाम होता है
इसके पैगाम में उस बेवफा का नाम होता है
जो देता है सौगात में दर्द और आसू इसको
ये बदकिस्मत फिर भी उसी को प्यार करता है
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sunder abhivyakti...
ReplyDeletetumahaaraa swaagat hai..
blog jagat mein...
:)
acchi shayri hai jyoti kafi accha hai......
ReplyDeletetumhara bloggggg............
:)
ReplyDeleteWelcome to blogging world :)
ReplyDeleteनिसान = निशान
सिने = सीने
ये दिल आखिर क्या है क्यूँ बनाया इसको
क्या दर्द सहने को जिगर में सजाया इसको
अर्थ ?
बाकी सब बढ़िया लगा...
बेहतरीन अभिव्यक्ति.
खूब लिखें...
अच्छा लिखें
ये दिल आखिर क्या है
ReplyDeleteक्यूं बनाया इसको
युगों युगों से उठ रहा ये सवाल
क्या कोई हल कर पाया है आज तक
लेकिन आप के मन की थाह
आप खुद ही कह गईं हैं
उत्तम अभिव्यक्ति
बधाई
acche shayar ho jyoti keep it up...............
ReplyDeletehame bhi sikha do plzz........